ओवैसी से दोस्ती से तेजस्वी ने क्यों किया इनकार? 'BJP वाला' शक नहीं, बल्कि ये है असली वजह

 

Bihar Politics : महागठबंधन में एआईएमआईएम को शामिल करने की अंतिम कोशिश विफल रही, जिससे राजनीतिक गलियारों में कई सवाल उठ रहे हैं। आखिर ऐसी क्या वजह रही कि एक विचारधारा के बावजूद तेजस्वी ने ओवैसी से गठबंधन से इनकार कर दिया।

पटना: महागठबंधन के साथ मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की AIMIM की आखिरी कोशिश भी बेकार चली गई। सियासी गलियारे में आई इस खबर के कई मायने निकाले जाने लगे हैं। एक तो ये कि सत्ता से एनडीए को अपदस्थ करने का बीड़ा उठाए तेजस्वी यादव ने ओवैसे को ना क्यों कह दिया? दूसरा ये कि अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी कैसे करेंगे? आइए जानते है क्या है तेजस्वी यादव का गेम प्लान?


MY की राजनीति का लिटमस टेस्ट

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक बार फिर MY की तासीर से सत्ता समीकरण पाना चाहते हैं। ठीक जिस समीकरण के साथ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बेधड़क 15 वर्षों तक शासन किया। लेकिन बाद के दिनों में इस समीकरण में बिखराव आया तो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने A टू Z पर भरोसा किया। लेकिन वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के पास होने के बाद मुस्लिमों में जो केंद्र सरकार के प्रति गुस्सा है। तेजस्वी यादव अकेले मुस्लिमों के गुस्से को साधना चाहते है। तेजस्वी यादव मुस्लिमों के गुस्से के जरिए एक विकल्प बनना चाहते हैं। तेजस्वी अगर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में कामयाब हो गए तो लालू यादव के समय के MY का प्लेटफार्म हासिल कर लेंगे। एक तरह से तेजस्वी यादव के लिए यह चुनाव मुसलमान वोटों को आजमाने का लिटमस टेस्ट साबित होगा।
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